छात्र-छात्राओं को कम से कम उपलब्ध संसाधनों के द्वारा दिया जा रहा है बेहतर शिक्षा-व्यवस्था-प्राचार्य
गिरिडीह:- महाविद्यालय गिरिडीह वर्षों से शिक्षकों के कमी की घोर समस्या से जूझ रहा है लेकिन सरकार या विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या 8 हजार से अधिक है। कहा कि यहां पर कुल 19 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि पदों की कुल संख्या 55 है। ग़ैर शिक्षण कर्मियों के कुल 130 पदों के विरुद्ध यहां मात्र 25 अशैक्षिक अमलों की ही प्रतिनियुक्ति की गई है। प्राचार्य आगे कहते हैं कि समस्याएं तो काफी होती हैं लेकिन हम लोग अपने स्तर से लगातार परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय को कई बार शिक्षकों की कमी से अवगत करवाया गया है। महाविद्यालय में खेलकूद के लिए एक शिक्षक है। विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर काॅलेज के छात्र-छात्राओं ने समय-समय पर मेडल्स, शील्ड और ट्राॅफी भी जीते हैं।
लेकिन अंत में यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जिसका जवाब फिलहाल न सरकार के पास है और न ही विभाग के पास कि क्या 19 शिक्षकों के द्वारा 8000 से अधिक छात्र-छात्राओं को पढ़ाना संभव है? क्या इस प्रतिस्पर्धात्मक समय में ऐसी व्यवस्था और प्रबंधन के सहारे बच्चों के भविष्य उज्जवल होने की कल्पना की जा सकती है?
क्या ये एक तरह से छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं है?
क्या उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर विभाग और सरकार के पास है?